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आ धा॑वता सुहस्त्यः शु॒क्रा गृ॑भ्णीत म॒न्थिना॑ । गोभि॑: श्रीणीत मत्स॒रम् ॥

English Transliteration

ā dhāvatā suhastyaḥ śukrā gṛbhṇīta manthinā | gobhiḥ śrīṇīta matsaram ||

Pad Path

आ । धा॒व॒त॒ । सु॒ऽह॒स्त्यः॒ । शु॒क्रा । गृ॒भ्णी॒त॒ । म॒न्थिना॑ । गोभिः॑ । श्री॒णी॒त॒ । म॒त्स॒रम् ॥ ९.४६.४

Rigveda » Mandal:9» Sukta:46» Mantra:4 | Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:3» Mantra:4 | Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:4


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सुहस्त्यः) हे क्रियाकुशल हस्तोंवाले विद्वानों ! आप (आ धावत) ज्ञान की ओर लगकर (मन्थिना) यन्त्र द्वारा (शुक्रा गृभ्णीत) बलवाले पदार्थों को सिद्ध कीजिये (गोभिः) और रश्मियुक्त विद्युदादि पदार्थों द्वारा (मत्सरम्) आह्लादकारक पदार्थों को (श्रीणीत) सुदृढ़ करके प्रकाशित कीजिये ॥४॥
Connotation: - मनुष्यों को चाहिये कि वे कर्म्मयोगियों से प्रार्थना करके अपने देश के क्रिया-कौशल की वृद्धि करें ॥४॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सुहस्त्यः) हे कर्मकुशलहस्ता विद्वांसः ! यूयं (आ धावत) ज्ञाने सन्नद्धा भवत (मन्थिना) यन्त्रैः (शुक्रा गृभ्णीत) बलवतः पदार्थान् साधयत (गोभिः) रश्मिमद्भिर्विद्युदादिपदार्थैः (मत्सरम्) आह्लादकारकान् पदार्थान् (श्रीणीत) सुदृढान् कृत्वा प्रकाशयत ॥४॥